राजवीर सिंह तरंग

नमन् मित्रों, 
विश्व अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 
                       कुछ दोहे
                           (1)
मानव - मानव  भज  रहा, योग  नाम  का गान।
विश्व  धरातल  बढ़  रही, भारत  माँ   की  शान।। 
     
                           (2)
लाभ  योग  के जान कर, कर लो तनिक विचार।
जब तक तन का  सुख  नहीं, हीन  लगे  संसार।। 

                           (3)
आओ  नियमित   योग  से,   काया  करें    निरोग। 
स्वस्थ  तन   और   मन  रहे,  खूब  बने  संजोग।। 

                           (4)
योग  ही  योग  सब  करें,  योग  के   हित  हजार।
स्वस्थ  तन  और  मन  मिले, मिलें  नेक  आचार।। 

                           (5)
संतों   के   इस   देश   में,   भरा   ज्ञान   भंडार। 
योग - जोग - संजोग   से,  बढ़ता   सद् व्यवहार।। 

राजवीर सिंह 'तरंग'
बदायूँ।।

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