मधु शंखधर स्वतंत्र

बिरसा मुण्डा की पुण्यतिथि पर समर्पित एक रचना....🙏🇮🇳
*बिरसा मुण्डा नाम था*
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झारखंड में जन्मा बालक,  बिरसा मुण्डा नाम था ।
सुगना मुंडा करमी हातू , मात पिता शुभ धाम था ।

जग जाहिर यह नाम सदा ही आजादी में भाग लिया ।
भारत मां की गरिमा खातिर जीवन धन भी त्याग दिया।
आदिवासियों का नेता यह रक्षित करना काम था।
झारखंड में जन्मा बालक.......।।

अंग्रेजों से लड़ा लड़ाई नीति नियम ही बतलाया।
शोषण का प्रतिरोध किया था उलगुलान तब सिखलाया।
जल, जंगल, जमीन पर दावा एक यही संग्राम था ।
झारखंड में जन्मा बालक.....।।

जमींदारी, राजस्व व्यवस्था यही बगावत का कारण ।
अंग्रेजों की बद्नियत से रूद्र रूप करता धारण ।
बचा सके संस्कृति स्वयं की यही सुबह अरु शाम था ।
झारखंड में जन्मा बालक.....।।

नहीं तोप अरु बंदूके ही, अटल इरादे तोड़ सकी।
बना इनामी मोहरा तभी, अपनों का रुख मोड़ सकीं।
अपने ने गद्दारी कर दी यही दुखद अंजाम था।
झारखंड में जन्मा बालक.....।।

पाँच सौ रूपये राशि खातिर पता किसी ने बतलाया ।
अंग्रेजों ने कैद किया तब रांची जेल में भिजवाया ।
चाल सफल होते ही गोरे, पाया नया मुकाम था।
झारखंड में जन्मा बालक.......।।
 
उन्नीस सौ पचहत्तर में ही, पन्द्रह नवम्बर जन्म लिया।
दो हजार सन् , नौ जून को वीर पुत्र ने प्राण दिया।
अमर हुई धरती वह उसकी , उलिहातू शुभ ग्राम था।।
झारखंड में जन्मा बालक, बिरसा मुंडा नाम था।
सुगना मुंडा, करमी हातू, मात पिता शुभ धाम था।।
*मधु शंखधर स्वतंत्र*
*प्रयागराज*✒️
*09.06.2021*

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