सुधीर श्रीवास्तव

वर्ण पिरामिड 
÷÷÷÷÷÷÷÷÷
लज्जा
*****
ये
बड़े 
बेशर्म
हैं,लज्जा तो
छूकर कभी
नहीं गुजरती
लज्जा विहीन हैं ये।
*****
यारों
कुछ तो
शर्म करो
कब तक ये
बेशर्मी दिखाते
बेहयाई करोगे।
*****
हैं
हम
सब ही
बेरहम
जो भी करना 
हो आकर करो
लज्जित हो जाओगे।
*****
ये 
कैसे 
सुधरें
भला,जब
खानदान ही
इसी रंग ढंग
में रचा बसा है।
■ सुधीर श्रीवास्तव
      गोण्डा, उ.प्र.
    8115285921

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