परम पावन मंच का सादर नमन
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चुन -चुन बेर लाती
फूल राह में बिछाती
आओं मेरे प्रभु राम
राह निहारती है।c
सुमिरन राम नाम
काम यही आठों याम
राम भक्ति लव लगा
राम गुण गाती है।
प्रेम भाव नैन भर
खिलाती है चखकर
राम रूप दर्शन कर
मन हरषाती है।
ज्ञान नवधा भक्ति का
ईश वरदान मिला
सुमिरन राम नाम
भाग्य सँवारती है
मन्शा शुक्ला
अम्बिकापुर
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