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*बाल मनुहार*
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सोनू बोला सुन रे मोनू,
बात पते की बतलाता हूँ।
सेवा से ही मिलता मेवा,
आज तुम्हें मैं सिखलाता हूँ।।
गाँव के सारे बच्चे पढ़ने,
रोज विद्यालय में जाते है।
हम भी जाकर देखें भैया,
चलों अपना फर्ज निभाते है।।
सब कुछ अच्छा सुन्दर मनभावन,
यहाँ कमी बहुत बड़ी भाई।
चारों तरफ देखों मंदिर में,
हरियाली नजर नहीं आई।।
अहसास हुआ आकर हमकों,
इनको धूप सताती होगी।
पौधारोपण करने की अब,
जिम्मेदारी लेनी होगी।।
मानवता की अलख जगाकर,
हमें अपना धर्म निभाना है।
हरा-भरा बने यह विद्यालय,
जनमानस को समझाना है।।
©®
रामबाबू शर्मा,राजस्थानी,दौसा(राज.)
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