त्रासदी
किरीट सवैया
विधान
किरीट सवैया नामक छंद आठ भगणों से बनता है। तुलसी, केशव, देव और दास ने इस छन्द का प्रयोग किया है। इसमें 12, 12 वर्णों पर यति होती है।
211 211 211 211, 211 211 211 211
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जीवन का सुख भूल गया अब, चाह नहीं कुछ और मिले मन।
सावन सूख गया तन का फिर, बादल क्यों बरसे घर आँगन।
पूछ रहा कब साथ चले यह, दुष्ट नराधम संचित साधन।
फूट पड़ी दुख की गगरी जब, पीर हरे अब कौन सनातन।।
✍🏻©️
सौरभ प्रभात
मुजफ्फरपुर, बिहार
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