अभय सक्सेना एडवोकेट

कुंडलियां छंद
*************
आषाढ़ की बारिश
******************
अभय सक्सेना एडवोकेट
      ######
आषाढ़ की बारिश तपती धरा को शांत करती
धरा प्रफुल्लित मन से फिर सोलह श्रृंगार करती
सोलह श्रृंगार करती सभी को लुभाने लगी
पशु पक्षियों के संग गीत वो गाने लगी
अभय के अल्फाजों से होती बारिश फूलों की   
सभी को शीतलता देती बारिश आषाढ़ की।
************************
अभय सक्सेना एडवोकेट
48/268, सराय लाठी मोहाल
जनरल गंज,कानपुर नगर।
9838015019,8840184088
saxenaabhayad@gmail.com
स्व-रचित/मौलिक/ अप्रकाशित/सर्वाधिकार सुरक्षित

कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...