प्रवीण शर्मा ताल

*कुंडलियाँ*

सागर को पार करने,चले वीर हनुमान,
लंका में  है जानकी,खोज रहे बलवान।।
खोज रहे बलवान,विभीषण के घर जाते।
जाते फिर हनुमान,सिया वाटिका आते।
सीता के संदेश,भरे अंगूठी गागर।
जाओ मेरे  वत्स, पार जाना  तुम सागर।

             
*✍️प्रवीण शर्मा ताल*

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