विश्व योग दिवस
मानव मन-से भज रहा, आज योग का नाम ।
प्रात:-काल करना रहा, योग सभी का काम ।
सुंदर सुकोमल शरीर हो, मन निर्मल गंग समान ।
सदा योग का काम करें, इसके लाभ को जान।
नियमित योग से करो सदा, काया को निरोग ।
लेना योग गुरु का तुम, उचित सदा सहयोग ।
स्वस्थ तन-मन से सदा, होता सभी का काम ।
तन-मन सारा शुद्ध है, करना योग का काम ।
ऋषि पतंजलि ने योग का, दिया नया आयाम ।
फेफड़ा शुद्ध करता सदा, नियमित प्राणायाम ।
आजाद करे सब रोगों से, अकेला ही एक योग ।
इक्कीस जून योग दिवस पर, योग कर रहे लोग ।
आचार्य गोपाल जी उर्फ आजाद अकेला बरबीघा वाले
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