डॉ०रामबली मिश्र

योग दिवस
          (छप्पय छंद)

करते रहना योग, जिस्म तब स्वस्थ रहेगा।
रख शरीर पर ध्यान, स्वस्थ तन काम करेगा।।
लो शरीर से काम, कभी मत आलस करना।
बहे पसीना नित्य, रोग काबू में रखना।।
चित्तवृत्ति को रोक कर,प्राणायाम सदा करो ।
है कपालभाँती सुखद,इसे ध्यान में नित धरो।।

होये योगाभ्यास, योग से सबकुछ सधता।
होता मन में हर्ष, स्वस्थ मन दुख को हरता।।
रहे योग ही ध्येय,योग ही मंगलकारी।
बहे योग की धार, चले बनने हितकारी।।
योगी  का जीवन सुखद, योग को करते रहना।
मालामाल बनो सतत, स्वस्थ जीवन को रखना।।

रचनाकार:डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801

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