निशा अतुल्य

माहिया
पंजाब का प्रचलित लोकगीत (टप्पे)
*प्रेमिका व प्रेमी के बीच की बातें*

साजन तुम आते हो
मिलने की चाहत 
तुम और बढाते हो ।

ये प्रेम निराला है 
बिन देखे तुमको
दिल चैन न पाता है ।

साजन तुम झूठे हो 
बात बनाते हो
डोली ना लाते हो ।

प्रिय घर मैं आऊंगा
बात करूंगा जब
सिंदूर सजाऊंगा ।

मन को भरमाते हो
मीठी बातों से 
क्यों दिल तड़फ़ाते हो ।

मीठी बातें प्यारी
बन यादें मेरी
तुझ में बस जाती है ।

अब घर मैं जाती हूँ 
जा कर घर सबको 
ये बात बताती हूँ ।

प्रिय धीर धरो थोड़ी
संग रहेंगे हम
सुन्दर अपनी जोड़ी ।

स्वरचित
निशा"अतुल्य"

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