डॉ दीप्ति गौड़ दीप

नशा मुक्ति
नशा नाश कर देता, सारे जीवन के उजियारे को l
पास नहीं बिठलाता कोई, एक नशे के मारे को l
1.भांग,चरस,कोकीन, तम्बाकू, ब्राउन शुगर सब ज़हरीले l
पल में पागल हो जाता है, मद्य का प्याला जो पी ले l
घर की बर्बादी का सूचक, समझो सहज इशारे को l
2.आय से ज्यादा व्यय हो जाता, आमदनी घट जाती है l
जीवन शैली मुख्य धारा से, शनै:-शनै:  कट जाती है l
नशेबाज़ खुद खाक़ मिला देता, सम्मान के तारे को l
3.आज नशे का चलन अनोखा, दुनिया में चल बैठा है
सबके सिर पे भूत नशे का, लेकर बोतल बैठा है l
रोगग्रस्त हो रहे हज़ारों, देखो रोज़ नज़ारे को l
4.गली-गली में खैनी गुटके, बच्चे खाते फिरते हैं l
ड्रग्स नशे के ले-लेकर, तन की बर्बादी करते हैं l
दुनिया है हैरान नशे में, त्यागो इस अंधियारे को l
5.सभी नशे के उत्पादन पर, 
रोक लगा दो सरकारी  l
देश बचाना है तो जल्दी, यह आदेश करो जारी l
‘दीप” करो उपचार, गिरा दो आज नशे के पारे को l
© स्वरचित डॉ दीप्ति गौड़ दीप

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