भजन-हनुमान जी का
ओ भोले हनुमान मैं निशिदिन करूँ तुम्हारा ध्यान।
सियाराम के प्यारे सबका करते तुम कल्यान।।
प्रभु के संकट में भी तुमने उनके काज बनाए
राम मुद्रिका सीता मय्या तक तुम ही पहुँचाए
जला के लंका हिला दिया था रावण का अभिमान।।
सियाराम के-----
अपने भक्तों की विपदा में तुरंत दौड़ कर आते
राम के भक्तों पर भी अपना दया भाव बरसाते
राम काज में सदा दिया है अपना भी अनुदान ।।
सियाराम के----
लक्ष्मण के जब शक्ति लगी तो संजीवन भी लाए
नागपाश से राम लखन के बंधन मुक्त कराए
राम की सेवा ऐसे समझी जैसे हो वरदान ।।
सियाराम के---
राम भक्ति से बनी है जग में तेरी ऐसी गरिमा
कलियुग में दोहराता है जन जन तेरी ही महिमा
राम के अनुजों ने भी तुझको दिया सदा सम्मान।।
सियाराम के-----
जहाँ भी अंजनि नंदन होता तेरे नाम का फेरा
काली रातों में भी हनुमन लगता वहाँ सवेरा
*साग़र* के भी प्रेम का रख लो भगवन अब तो मान ।।
सियाराम के प्यारे सबका करते तुम कल्यान ।।
ओ भोले हनुमान मैं निशिदिन करूँ तुम्हारा ध्यान ।।
🖋️विनय साग़र जायसवाल बरेली
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