गीत - बुजुर्ग!
जीवन के पथ पर मैं चलकर, सच्चा राह दिखाऊँ!
कभी नहीं मन असमंजस हो, सच्चा राय बताऊँ!!
मेरा तुम्ही भरोसा मानों, सच हो पूरा सपना!
अंतरमन से बात करूँ मैं, कैसे तुम्हें दिखाऊँ!!
बृद्धों के सलाह को मानो, कभी न होगें निष्फल!
चाहे जहाँ कहीं जाओ तुम, होगें सफल बताऊँ!!
पूराना इतिहास बताता, करते थे सब आदर!
सही समय- सलाह भी लेतें, होतें सफल बताऊँ!!
इसीलिए प्यारे भाई तुम, मानों इनका कहना!
भोजन, औषधि, वस्त्र सुलभ कर, सेवा करो बताऊँ!!
अमरनाथ सोनी" अमर "
9302340662
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