अरुणा अग्रवाल

नमन मंच,माता शारदे,गुणीजन
शीर्षक "जीवन एक संघर्ष"
2।07।2021।

मानव जीवन मिलना ,सौभाग्य,
देव-देवी भी चाहते यह जनम,
परिवर्तन भी है सार,जीवन,
कभी सुख कभी दुःख,लिऐ।।

जीवन में आता क ई मोड़,
कभी अनुकूल तो ,प्रतिकूल,
पर धीरज-नीरज हो संबल,
चूंकि पतझड़ बाद आता बसंत।।


ना सदा रहेगा निशा,आऐगा उषा,
नाश होगा तिमिर,भानू सह,आभा
गीर्ष तपिश बाद आता बारिश,धन
धरणी सहती तपन का अग्नि-जलन।।

खरा स्वर्ण भी मिले बाद ज्वलन,
मानव जीवन उसी भं।ति,चलता,
संघर्ष,जद्दोजहद करना है नसीब,
चूंकि जीवन है एक संघर्ष,बनाम।।


इतिहास भी साक्ष्य,लिऐ सच्चाई,
श्रीराम ने चौदह बर्ष वनवासी,बने
निभाने पिता का लाज औ वचन,
संग सीता,लक्ष्मण भी बनको निकले।।


गीता में भी श्रीकृष्ण दिया,उपदेश
बिना संघर्ष मिलता नहीं अधिकार
समय गर लाया है कोरोना,त्रासदी
संघर्ष से आऐगा सुहाना दिन और रात।।


अरुणा अग्रवाल।
लोरमी,छःगः,
🙏🌹🙏

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