काव्य रंगोली

"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।

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कवि शमशेर सिंह जलंधरा "टेंपो" ऐतिहासिक नगरी हांसी , हिसार , हरियाणा । 

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पहला पत्थर प्यार की , दुनिया की नींव का , पहला पत्थर , तुम हो प्रिय , चैन नहीं आता , जब बेचैन नहीं होता हूं , तब भी । तुम्हारा दीदार , हो गय...

नूतन लाल साहू

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अब के बसंत दिखत नइ ये बसंत ह आगे हे अब जमाना ह,बदल गे हे सरसो ह पिवरा गे हे ढंडा ह ढंडा गे हे प्रकृति के मन म उमंग छागे हे करा पानी, बरसात ह...

सुलोचना परमार उत्तरांचली

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*कलम आज तू कुछ तो बोल* *********************  धरती में जो अन्न उपजाए अक्सर भूख से मरता वो । क्यों रहता वो दीन-हीन यहां जब सबका पेट है भरता व...

डॉ सुलक्षणा अहलावत

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किसको दोष दुँ मैं दिल्ली में हुए बवाल के लिए, पत्थर से शहीद हुए अभागी माँ के लाल के लिए। बोलो क्यों बाँध रखें हैं हाथ इन पुलिस वालों के, कब ...

संजय जैन (मुम्बई)

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*घर में है....* विधा : कविता आज घर का माहौल, बदला-2 सा दिख रहा है। घर में कोई तूफान, सा छा गया है। यह मुझे घर का, माहौल बता रहा है। और प्रिय...

निशा"अतुल्य"

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निशा"अतुल्य" देहरादून  आर्य 25/ 2/ 2020 आर्य को आदर्श जान सद्भावना चले मान छुआ छात जाने नही सब को बताइये । ब्रह्म होता निराकार  गा...

सत्यप्रकाश पाण्डेय

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साधक......... व्याकुल सा रहता अन्तर्मन में, जब न होता दीदार तेरा। घेर लेती है आशंकाएं मुझको, जब मिलता न प्यार तेरा।। तुम अरुणिमा हृदय गगन की...

सुनील कुमार गुप्ता

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कविता:-     *" बेटियाँ"* "बेटियाँ तो जीवन में साथी, प्रभु का दिया हुआ -वरदान। बेटी ही जीवन में बनती, घर परिवार का सम्मान।। मा...

कालिका प्रसाद सेमवाल मानस सदन अपर बाजार रुद्रप्रयाग (उत्तराखण्ड)

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💐🌹सरस्वती --वन्दना🌹💐 जनप्रिय माँ जनोपकारणी जग जननी, जल जीवधारणी। स्वर्णिम ,श्वेत, धवल साडी़ में चंचल, चपल,चकोर चक्षुचारणी। ज्ञानवान सारा...

एस के कपूर* *श्री हंस।बरेली*

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*विविध हाइकु।।।।।* दिया सलाई यही घर जलाती या रोशनाई तेरा लहज़ा तुम्हें बिगाड़ता भी या है सहेजा काम में मज़ा थकान होती नहीं न बने सज़ा झूठा आईना ...

एस के कपूर"श्री* *हंस"।बरेली।

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*जीवन बहुत अनमोल है।।* *।।।।।।।।मुक्तक।।।।।।।।।* रोज़   धीरे  धीरे    मरना  नहीं हँस    हँस    कर    जीना   है। असली  आनंद   जीवन   का मेहनत ...

एस के कपूर श्री हंस।* *बरेली।*

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*नफरत की आग,प्रेम का जल* *मुक्तक* चलो   मनायें   उसको  जो  घृणा का शिकार है। महोब्बत   की   तो  उसको  बेहद     दरकार   है।। जान ले तेरी  कोश...

एस के कपूर श्री हंस।* *बरेली।*

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*तेरी सोच में हौंसलों की उड़ान हो।* *मुक्तक* हौंसलों    में जान   हो तो  मंजिल अवश्य   मिलती  है। सपनों   में उड़ान  हो   तो  मंजिल अवश्य  मिल...

सत्यप्रकाश पाण्डेय

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भाव अलंकृत कैसे हों कैसे जीवन का परिष्कार व्यंजनाएँ मधुमय बनें दुष्प्रवृत्तियों का बहिष्कार शुद्ध विचार हों अपने अन्तर्मन सौम्यता परिपूर्ण र...

राजेंद्र रायपुर

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हर भारतीय के दिल की आवाज,             गीतिका छंद के रूप में -- बोल उनके सच कहें तो,                     अब हमें भातें नहीं। सह रहे चुपचाप ले...

श्याम कुँवर भारती (राजभर ) कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी

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भोजपुरी देवी गीत-3-दे दा दरसनवा माई | तोहरे चरनिया अइली माई , बनिके भिखरिया न हो | दे दा दरसनवा माई,  भरी के नजरिया न हो | चरण के धूर माई सि...

प्रिया सिंह लखनऊ

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शहर की सड़कों पर वो अदाकारी दिखाती है  पतली सी रस्सी पर वो कलाकारी दिखाती है नाजुक से पैरों में उसके छाला मोटा दिखता है मासूमियत के पीछे से व...

कवि✍️डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" रचना: मौलिक(स्वरचित) नई दिल्ली

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दिनांक: २४.०२.२०२० वार: सोमवार विधा: गीत विषय: नीर शीर्षक: मैं आंखों का नीर हूं मैं आंखों का नीर हूं, मैं जीवन का सार हूं, नित अविरल निर्मल ...

सुनील चौरसिया'सावन' प्रवक्ता, केंद्रीय विद्यालय टेंगा वैली, पश्चिम कमेंग, अरूणाचल प्रदेश।

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  कविता- फिसल गयी जिंदगी... समय की रेत पर फिसल गयी जिंदगी। देखते ही देखते में ढल गयी जिंदगी।। करवटें बदल-बदल सोया निशदिन, अंत में करवट बदल ग...

भरत नायक "बाबूजी" लोहरसिंह, रायगढ़(छ.ग.)

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*"परछाई"* (दोहे) ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ ●अंतर्मन का बोध है, परछाई-प्रतिभास। मौन लगे संकेत यह, जाल-जगत परिवास।। ●मान कलाकृति ...

कवि शमशेर सिंह जलंधरा "टेंपो" एतिहासिक नगरी हांसी , हिसार , हरियाणा ।

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गज़ल दिल में पल-पल जो समाया जाए । फिर खुदा उसको बताया जाए ।। बस चुका है दिल की धड़कन में जो , किस तरह से उसको भुलाया जाए । चैन आए साथ से गर त...

नूतन लाल साहू

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अन्तिम सत्य स्वीकार करो,प्रभु की सत्ता को मानव तू, सर्वशक्तिमान नहीं है सदा करो,भक्ति प्रभु की धुन में हो जा,मतवाला मस्त हुये,प्रहलाद को देख...

     कुमार कारनिक  (छाल, रायगढ़, छग)

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     कुमार कारनिक  (छाल, रायगढ़, छग) """"""""      मनहरण घनाक्षरी        *मेरी परछाई*         "...

रेनू द्विवेदी लखनऊ

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"गीत" वेदना संवेदना तुम,बंदगी परमार्थ हो तुम!  वायु हो तुम प्राण हो तुम, प्रेम का भावार्थ हो तुम ! लिख रही हूँ मै तुम्हे ही, मुक्त...

डॉ.राम कुमार झा "निकुंज" रचना: मौलिक (स्वरचित) नई दिल्ली

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स्वतंत्र रचना  दिनांक: २४.०२.२०२० वार: सोमवार विषय: आराधना विधा: गीत  शीर्षक: 🌹आराधना मां भारती 🌹 आराधना  नित  साधना  सुंदर  सुभग  मां  भा...
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