"कोरोना को हराना है"
(वीर, छन्द)
कोरोना जायेगा हार, रहे एकता यदि समाज में.,
एक दूसरे से हो दूर, करें प्रताड़ित कोरोना को.,
दूरी में है शक्ति अपार, सब समझें दूरी का मतलब.,
मूर्ख वही जो रहे न दूर, समझदार दूर रहता है.,
कोरोना को ऐसे जान, छुआछूत की यह बीमारी.,
कभी बनो मत लापरवाह, लापरवाही में खतरा है.,
लापरवाही का परिणाम, मानव-कोरोना का बनना.,
अनुशासन को नियमित पाल, विपदाओं से मुक्ति मिलेगी.,
दिल से करो सभी से प्यार, बाहर-बाहर दूर रहो बस.,
बाहर से हों सभी अछूत, यह अत्युत्तम सहज कवच है.,
दूरी ही सेना का अस्त्र, लड़ो इक जगह से सैनिक बन.,
यह कितना है सरल उपाय, जो समझे वह बुद्धिमान है.,
कोरोना की मारो जान, नहीं फैलने दो विषधर को.,
समझो इसको विषधर नाग, डस लेने पर लहर न आये.,
इसके फन को दो अब कूच, एक-एक मीटर दूर खड़ा हो.,
यह साला गन्दा शैतान, किन्तु मारना बहुत सहज है.,
मन को करो नियंत्रित शीघ्र, कुछ दिन घर में रहना सीखो.,
घर को ही समझो संसार, यहीं से मारो कोरोना को.,
इसे सैन्य अड्डा ही जान, तीर चलाओ कोरोना पर.,
महिषासुर का होगा अन्त, माँ दुर्गा जी विजयी होंगी।
नमस्ते हरिहरपुर से---
डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801