विघ्न-विनाशक गणपती, गिरिजासुवन गणेश।
लंबोदर, हे सिद्धिप्रिय, वक्रतुण्ड विघ्नेश।।०१
योगाधिप, प्रथमेश, तुम, मंगलमूर्ति, कवीश।
सिद्धिविनायक, भुवनपति, शूपकर्ण अवनीश।।०२
एकदंत, एकाक्षरा, धूम्रवर्ण, ढुँढिराज।
गौरीनंदन, विघ्नहर, द्वैमातुर महाराज।।०३
मोदकप्रिय, शंकरसुवन, हे! गणाधि, शुभनाथ।
उमापुत्र, हेरम्ब, ढुँढि, गजमुख, दीनानाथ।।०४
एकदन्त गौरीतनय, मूषकराज गणेश।
सिद्धिविनायक मेटिए,तन-मन के सब क्लेश॥०५
प्रथम पूज्य श्री गणपती,वक्रतुण्ड बुद्धीश।
कष्ट हरो मंगल करो, जग में तुम अवनीश।।०६
विद्यावारिधि, गजबदन, अंबिकेय, सुरराय।।
कपिल, सुमुख, क्षेमंकरी, हो प्रभु सदा सहाय।।०७
शिवेन्द्र मिश्र 'शिव'
मैगलगंज-खीरी