वतन की सौंधी-सी खुशबू, हमें जान से प्यारी है l
जय हिन्द,जय भारत माँ,अनुपम कीर्ति तुम्हारी है ll1ll
जिसकी धरती उगले सोना, सूरज करता उजियारा ,
जिसके रज कण-कण मे संचित, स्नेहिल भाईचारा l
पावन नदियाँ गंगा-यमुना, बहती है जलधारा,
श्वेत, हरा, केशरिया पहने, झंडा ऊँचा रहे हमारा ll
लिए तिरंगा हाथों में, करते हम रखवारी है l
जय हिन्द,जय जय भारत माँ,अनुपम कीर्ति तुम्हारी है ll2ll
जहाँ नारी त्याग की मूरत हो, हर माँ ममता की सूरत हो,
है रीत-रिवाजों का संगम, हर नर-नारी करते वंदन l
हर भाषा-भाषी मिलकर रहते, जैसे इंद्रधनुष के रंग,
हिमगिरि भाल सोहती, उस भारत माँ का है दम्भ ll
जहाँ बुद्ध-विवेका ज्ञान चक्षु ले, धरती पर अवतारा,
भारत देश हमारा न्यारा, वतन जान से प्यारी है l
जय हिन्द, जय भारत माँ, अनुपम कीर्ति तुम्हारी है ll3ll
जहाँ अतिथि को ईश्वर माना, छः ऋतुएँ लगे सुहाना,
जहाँ ऋषि-मुनि का डेरा है,गुण-ज्ञान अनन्त बसेरा है l
जहाँ हर डाली पर सुन्दर चिड़ियाँ, गाए शाम-सवेरा,
जहाँ नित-नूतन रश्मि प्रभा, हर लेती घोर अँधेरा ll
जहाँ देव-दनुज के दलन हेतु, मानव तन ले अवतारा l
एक हाथ मे लिए तिरंगा, दूजा आरती थाली है l
जय हिन्द, जय भारत माँ, अनुपम कीर्ति तुम्हारी है ll4ll
जहाँ सत्य-अहिंसा और धर्म का, पाठ पढ़ाया जाए,
जहाँ गाँधी-गौतम बुद्ध पुरुष को, शीश नवाया जाए l
जहाँ रामायण और गीता से,जन-जन का गहरा नाता,
जहाँ दुराचरण शोषण विरुद्ध, आवाज उठाया जाता ll
जहाँ श्वेत, हरा, केशरिया में, सजता है जीवन सारा l
हमको है अभिमान वतन का, हम भारत की नारी है l
जय हिन्द, जय भारत माँ, अनुपम कीर्ति तुम्हारी है ll5ll
जहाँ गौ माता की पूजा हो, नारी देवी सम् पूजनिया,
मात्-पिता-गुरु चरणों मे, शीश नवाती है दुनिया l
सभ्यता-संस्कृति और स्नेह का अतुलित है भंडारा,
नर-नारी के स्वर से फूटे, अविरल काव्य की धारा ll
जहाँ राम पुरुषोत्तम, केशव प्रेरणा स्रोत पधारा l
जिसका पाँव पखारे सागर,जिसका सिंह सवारी है l
जय हिन्द जय भारत माँ, अनुपम कीर्ति तुम्हारी है ll6ll
गौरवमय इतिहास जहाँ का,वेद पुराण बखाना है,
शौर्यवान सुत शरहद पर, मातृभूमि की शान है l
जँह नारी दुर्गा, झाँसी की रानी बनकर संहार करे,
सती अनसुइया से ब्रम्हा,विष्णु,महेश स्तनपान करे ll
जँह वात्सल्यता यशोदा का, पाने को कृष्ण पधारा l
वतन खून का प्यासा है, दुश्मन दल पर भारी है l
जय हिन्द, जय भारत माँ, अनुपम कीर्ति तुम्हारी है ll7ll
*"निभा राय नवीन"*
(पूर्णियाँ, बिहार)