जय गाँधी शास्त्री नमन
सत्य त्याग शालीनता , कर्म धर्म समुदार।
गांधी शास्त्री युगल वे , स्वच्छ न्याय आधार।।१।।
मार्ग अहिंसा विजय का , जीवन उच्च विचार।
जीया जीवन सादगी , किया देश उद्धार।।२।।
अर्पित तन मन धन वतन, गाँधी शास्त्री साथ।
रामराज्य अभिलाष मन , सदा बढ़ाये हाथ।।३।।
सर्वधर्म समभाव मन ,शान्ति सुखद परमार्थ।
शिक्षा सब जन हो सुलभ, उन्नत राष्ट्र कृतार्थ।।४।।
एक पुरोधा क्रान्ति का , प्रतीक इतर संघर्ष।
जीत ब्रिटिश पराधीनता , आज़ादी उत्कर्ष।।५।।
सम्वाहक नव प्रगति का ,लेकर ध्वजा तिरंग।
दी अरुणिम स्वाधीनता , जीत गुलामी जंग।।६।।
विकट समय नेतृत्व दे , बन प्रधान निज देश।
जय किसान नारा वतन, जय जवान संदेश।।७।।
गुदड़ी का था लाल जो , देश बहादुर भक्त।
गाँधी से अनुरक्त मन , सत्य कर्म आशक्त।।८।।
गाँधी की परिकल्पना , चहुँमुख जन उत्थान।
सहनशील समरस वतन, सार्वभौम मुस्कान।।९।।
शान्ति प्रेम सम्भाष मधु , भारत जीते विश्व।
जाति धर्म निर्भेद बन, लोकतंत्र अस्तित्व।।१०।।
कर्मचन्द्र शीतल प्रभा , मोहन दास स्वदेश।
ऋषितुल्य आस्तिक चरित,मोहित जन उपवेश।।११।।
शास्त्र निपुण शासक प्रखर , शौर्य धीर गंभीर।
लाल भारती लाड़ला , शत्रुंजय रणवीर।।१२।।
त्यागमूर्ति दृष्टान्त बन, देकर निज बलिदान।
स्वर्णाक्षर इतिहास में , गाँधी शास्त्री मान।।१३।।
कवि निकुंज सादर विनत , नमन करे सम्मान।
शास्त्री नित गांधी वतन , अमरकीर्ति यशगान।।१४।।
मृदुल चन्द्र निशि चन्द्रिका ,चरित भोर अरुणाभ।
शान्ति प्रगति शास्त्री उभय , गाँधी जन अमिताभ।।१५।।
जय गाँधी शास्त्री नमन , वन्दे हिन्द महान।
आन बान शान ए वतन , भारत माँ अभिमान।।१६।।
डॉ. राम कुमार झा निकुंज
नवदिल्ली