*रचना शीर्षक।।*
*सफल जीवन का तंत्र।।आपका*
*संकल्प मंत्र।।*
मिट्टी का पुर्जा चलते चलते
यह रुक जायेगा।
मत नाज़ कर इस तन पर इक
दिन झुक जायेगा।।
व्यक्ति चला जाता और बस
बात रह जाती है।
बस कर्म अच्छे कर कि एक
दिन चुक जायेगा।।
व्यक्तित्वऊँचा बनायो कि सुनने
को सब तैयार रहें।
आकर्षण हो ऐसा शख्सियत में
कि सब वफादार रहें।।
जब बढ़ो आगे तो कारवाँ पीछे
चल निकले।
मानने को बात तुम्हारी तैयार
सारा संसार रहे।।
दुआयें सबकी लेते रहो दुआयें
सबको देते रहो।
अपने परायों का भी आशीर्वाद
तुम लेते रहो।।
ना जाने कब जिन्दगी की वह
आखिरी शाम आ जाये।
सब हैं हमारे अपने बस यही इक
बात कहते रहो।।
पराजय तब होती जब आप हार
को मान लेते हैं।
जय तो निश्चित जब बात कोई
आप ठान लेते हैं।।
गिर जायो पर फिर खड़े होने में
ही छिपी है जीत ।
दुष्कर भी सम्भव जब चुनौती का
फरमान खुद को देते हैं।।
*रचयिता।।। एस के कपूर "श्री हंस"*
*बरेली।।*
मोब।।।। 9897071046
8218685464
*विषय/विधा।।मुक्तक।।*
*शीर्षक,,,नारी, शक्ति ,भक्ति, ममता का प्रतीक*
*,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,*
*रचयिता,,,एस के कपूर "श्री हंस"*
*पता,,,,,, 06 , पुष्कर एनक्लेव*,
*टेलीफोन टावर के सामने*,
*स्टेडियम रोड, बरेली 243005*
*मोब ,,,,,,9897071046*
*,,,,,,,,8218685464*
*विधा,,,,,,,,,मुक्तक माला*
*1,,,,,,,,,*
माँ का आशीर्वाद जैसे कोई
खजाना होता है।
मंजिल की जीत का जैसे
पैमाना होता है।।
माँ की गोद मानो कोई
वरदान है जैसे।
चरणों में उसके प्रभु का
ठिकाना होता है।।
*2,,,,,,,,,,,,,,,*
अहसासों का अहसास मानो
बहुत खास है माँ।
दूर होकर भी लगता कि बस
आस पास है माँ।।
बहुत खुश नसीब होते हैं जो
पाते माँ का आशीर्वाद।
हारते को भी जीता दे वह
अटूट विश्वास है माँ।।
*।।।।।3।।।*
अच्छा व्यवहार बेटीयों से
निशानी अच्छे इंसान की।
इनसे घर की बढ़ती शोभा जैसे
उतरी परियाँ आसमान की।।
बेटी को भी दें आप बेटे जैसा
घर में प्यार और सम्मान।
जान लीजिए बेटियों के जरिये
ही आती रहमते भगवान की।।
*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस"*
*बरेली।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।*
मोब।।।।9897071046।।।।।।।
8218685464।।।।।।।।।।।।।।
*,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,*