काव्य रंगोली आज का सम्मानित कलमकार
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संक्षिप्त परिचय
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नाम - डॉ. सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी
जन्म तिथि - 11 . 10 . 1955
शिक्षा - एम . ए. ( हिन्दी , संस्कृत ), बी . एड . , पी - एच . डी. , डी . लिट्. ( विद्या सागर ) - मानद ।
प्रकाशित साहित्य - 11 ( ग्यारह पुस्तकें ) ।
अनेक पुस्तकें प्रकाशनाधीन एवं अप्रकाशित ।
देश की विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में रचनायें प्रकाशित तथा आकाशवाणी / दूरदर्शन से प्रसारित ।
सम्मान - देश / विदेश की अनेक साहित्यिक , सामाजिक , सांस्कृतिक संगठनों द्वारा लगभग 90 ( नब्बे ) प्रशस्ति पत्रों , प्रतीक चिन्हों आदि से सम्मानित / पुरस्कृत ।
उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त होकर स्वतंत्र लेखन तथा साहित्यिक / सामाजिक / सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय सहभागिता ।
पत्र व्यवहार का पता -
डॉ. सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी
ग्राम / पो. पुजार गाँव ( चन्द्र वदनी )
द्वारा - हिण्डोला खाल
जिला - टिहरी गढ़वाल - 249122 ( उत्तराखंड )
मोबाइल नंबर - 9690450659
ई मेल आईडी -
dr.surendraduttsemalty@gmail.com
1- " कविता "
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साहित्य की ऐसी विधा है कविता ,
आसमान मे जैसे होता सविता ।
कविता मे होते हैं गुण अनेक ,
आश्चर्य होता है जिनको देख ।
भावोंमे मेघ सी छा जाती कविता ,
चमकत गरजती बरसती कविता।
कविता चिड़िया सी चहकती ,
प्रातः काल फूलों सी महकती ।
मोर पक्षी सा नृत्य दिखाती ,
भूगोल इतिहास विज्ञान सिखाती ।
रात क्यों चमकते चाँद- सितारे ,
दिन मे क्यों नहीं दिखते तारे ?
कविता उत्तर देती इन सबका ,
बहुत बड़ा विज्ञान है जिनका ।
कविता नैतिकता पाठ पढ़ाती ,
उन्नति की ओर सदा बढ़ाती ।
कविता याद कराती पल मे ,
सैर कराती नभ थल जल मे ।
नवरस मात्रिक वर्णिक जो छन्द ,
कविता के अन्दर रहते सब बन्द ।
सजता अलंकारों से कविता तन ,
पढ़कर खुश होता सबका मन ।
शब्द एक और अनेक अर्थ ,
कोई भी नहीं होता है ब्यर्थ ।
रचते कविता जो भी कवि गण ,
प्रेरणा - शिक्षा होता है प्रण ।
कविता सभी रसों का भण्डार ,
मन करता पढ़ें हम बारम्बार ।
नर नारी वृद्ध जवान या बच्चा ,
ज्ञान कराती यह सबको अच्छा ।
जीने की यह कला सिखलाती,
सबको अच्छी राह दिखलाती ।
पहले मन मे उमड़ती कविता ,
फिर कागज मे बरसती कविता ।
करती है मन के तम को दूर ,
मनोरंजन-शिक्षा से होती भरपूर ।
2- बाल कविता
" मम्मी जैसा होता कौन ? "
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मम्मी जैसा होता कौन ?
पूछा तो सबके सब मौन !
सचमुच मे माँ होती ऐसी ,
और नहीं कोई उस जैसी !
नौ महीने का कठिन सफर ,
तय करती है जननी हर ।
अपना सुख-दुःख सबभूल ,
समझती है शिशु अनमोल ।
पालन - पोषण मे तल्लीन ,
रहती धनी हो चाहे दीन ।
माँ जब काम से घर आती ,
बच्चे से तब मन बहलाती ।
देख थकान फुर्र हो जाती ,
अपने भाग्य पर इठलाती ।
शिक्षा-संस्कार की आधार ,
करती है सबकी नय्या पार ।
माँ का सब पर होता कर्जा ,
सबसे ऊँचा इसका दर्जा ।
कभी न माँ को जायें भूल ,
चरणों मे सदा चढ़ायें फूल ।
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3- बाल कविता
" प्रातः काल "
मुर्गे ने जब बाँग लगाई ,
हम बच्चों की नींद भगाई ।
चिड़ियों ने भी छेड़ी तान ,
भौंरे गुन - गुन गाये गान ।
दुम दबाकर भागे सारे ,
जितने भी थे छाये तारे ।
सूरज बोला आ गये हम ,
भाग चुका था गहरा तम ।
छाई लाली हुआ उजाला ,
घटता गया ओस - पाला ।
तितलियाँ थी फूलों के संग ,
मनमोहक था जिनका रंग ।
हमनें शौच किया स्नान ,
लगाया तब देवों का ध्यान ।
पढ़ाई से पहले योग-ध्यान ,
बढ़ाया इनसे अपना ज्ञान ।
बस्ता लेकर के गये स्कूल ,
शिक्षा-संस्कार का जो मूल ।
4- बाल कविता - " आँसू "
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आँसुओं का भी क्या कहना ,
बड़ा कठिन है इन्हें समझना !
आता जब दुख का अम्बार ,
सहन न कर सकती आँखें भार ।
गिराती इन्हें धरा पर नीचे ,
कहानी होती हर एक के पीछे ।
आँसू खुशी मे भी हैं छलकते ,
भाव खुशी के स्पष्ट झलकते ।
इनके पीछे छिपा होता विज्ञान ,
ए बनते कैसे बच्चे लें जान ।
बहकर आँसू सुख -दुख कहते,
इन्हें देखकर और समझते ।
5- बाल कविता -" मोबाइल "
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बहुत उपयोगी है मोबाइल ,
जीत चुका है यह सबका दिल ।
हरपल रखते अपने पास ,
इस पर सबसे अधिक विश्वास।
अनेक सुविधाओं से भरपूर ,
कराता बात बहुत है दूर ।
कार्यक्रम गतिविधियाँ सब ,
दिखाता है मोबाइल अब ।
कल्कुलेटर टार्च कैमरा ,
इसके अंदर सबकुछ है भरा ।
इण्टरनेट आँनलाइन काम ,
मनोरंजन अनेक रखे हैं थाम ।
मोबाइल बन चुका है अंग ,
उसके सब काम करवाते दंग ।
हर पल रहता सबके साथ ,
करवाता रहता सबसे बात ।
नेटवर्क यदि करे न काम ,
तब सिम हो जाता है बदनाम ।
बहुत काम इससे होते आसान ,
बन गया यह दुनियां की शान ।
इसका सही उपयोग करें सब ,
मिलते हैं सारे लाभ इससे तब ।
जो जन गलत प्रयोग हैं करते ,
बिना मौत के मानों वे मरते ।
बच्चों के जितने भी खिलौंने ,
मोबाइल के आगे सब बौंने ।
उछलना - कूदना और हँसी ,
मोबाइल के अन्दर हैं बसी ।
बाहर घूमना सगे साथी ,
ए सब लगते सफेरद हाथी ।
तर्जनी उँगली कोमल हाथ ,
मोबाइल पर घूमते दिन-रात ।
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ग्राम / पो . पुजार गाँव(चंद्र वदनी)
द्वारा- हिण्डोला खाल
जिला- टिहरी गढ़वाल (उत्तराखंड)- 2449122
मोवाईल नं .- 9690450659
ई मेल -
dr.surendraduttsemalty@gmail.com