एस के कपूर "श्रीहंस"
पता- 06,पुष्कर एन्कलेव।टेलीफोन टावर के सामने स्टेडियम रोड बरेली (ऊ प्र)।(243005)
आयु।70वर्ष
व्यवसाय।सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक.भारतीय स्टेट बैंक, बरेली मुख्य शाखा।वर्ष 2010
साहित्यिक कार्य।कविता।लेखन।मुख्य विधा. मुक्तक,छंद मुक्त (तुकांत), हाइकु, गद्य(आलेख)
विशेष उपलब्धि , 5000 से अधिक मुक्तकों की रचना अबतक,। कॅरोना के प्रति जागरूक करने के 30 कविताओं का सृर्जन।
विस्तृत वर्णन,,,,,,,,
1,,भारतीय हिंदी सेवा पंचायत,जनपद बरेली के जिलाध्यक्ष/व मंडल अध्यक्ष
1क/लगभग 15 सामाजिक ।साहित्यिक ।वरिष्ठ नागरिक।सांस्कृतिक संस्थायों से सम्बन्धित,मेंबर व वरिष्ठ पदाधिकारी के रूप में सहभागिता।
2... Pilibhit Jaycees के सचिव, अध्यक्ष के रूप में 1975 से 1977 तक कार्य ।
2.A संस्थापक अध्यक्ष।पीलीभीत मिडटाउन जेसीस।वर्ष 1986. ।स्टेट वाईस प्रेजिडेंट 1987. ।स्टेट ट्रेनर 1988. ।
एवमं
संस्थापक अध्यक्ष।सेवा निर्वत एस बी आई अधिकारी सामाजिक क्लब,बरेली।अध्यक्ष अक्टूबर2016 से अक्टूबर 2018 तक।वर्तमान में क्लब के सरंक्षक।क्लब द्वारा नियमित रूप से सामाजिक सेवा कार्य सम्पन्न ,में निरंतर सहभागिता।
3/दूरदर्शन ,आकाशवाणी बरेली,रामपुर पर कार्यक्रम प्रस्तुत किये व यूट्यूब ,वेब पोर्टल, इंडिया समाचार 24 टी वी , डी टी वी लाइव,अक्षरवार्ता, सुप्रसिद्ध e जर्नलस पर वीडियो, रचना ,आलेख प्रकाशित, प्रस्तुति।
4/अनेक पत्र पत्रिकाओं में रचनायें, आलेख प्रकाशित।
उदहारण।आई नेक्स्ट (अबतक 144 लेख) ।गीत प्रिया।परफेक्ट जौर्निलिस्ट।हेल्थ वाणी। रोहिलखण्ड*किरण।प्रेरणा अंशु। काव्यमृत ।काव्य रंगोली ।स्वर्ण धारा। प्रणाम पत्रिका व अनेक संस्थाओं की मासिक e पत्रिकायें।इंकलाब।एक कदम सहित्य कीं ओर।
विनायक शक्ति। आध्यात्मिक काव्यधारा, काव्यरंगोली और अन्य कई व स्टेट बैंक की अनेक *पत्र पत्रिकायों ,कलीग,सेकंड इनिंग्स,हमदोस्त,संवाद आदि में सैंकड़ों लेख व कविताएं प्रकाशित।
एवमं
सेलेक्टेड न्यूज़ ,बरेली,मासिक समाचार पत्र का संपादन मई 2014 से मई 2016 तक किया।
4आ।
साहित्य संगम संस्थान ,दिल्ली ,उत्तराखंड की ज़िया,
विश्व जन चेतना ट्रस्ट,काव्य रंगोली,अध्यात्म्य साहित्य काव्य धारा, काव्यामृत, व मानव सेवा क्लब व अन्य लगभग 10 संस्थायों द्वारा 300 से अधिक भौतिक व डिजिटल सम्मानपत्र ,स्मृति चिन्ह प्रदत्त।
5/क्विजमास्टर व कार्यक्रम संचालन में विशेष अभिरुचि व क्विज से सम्बंधित गेम्स कराने का लंबा अनुभव।कॉलेज ,संस्थायों में मोटिवेशनल लेक्चर के रूप में, कई बार कार्यक्रम प्रस्तुत।
6/सेवा निवृत्त प्रबंधक,
भारतीय स्टेट बैंक,
बरेली शाखा , ऊ प्र,(वर्ष जून 2010में)
7/शिक्षा।एम एस सी (रसायन शास्त्र),
सी ए आई आई बी (भाग 1)
8।चीफ आफ इंटरवियू बोर्ड।महिंद्रा बैंक कोचिंग।
बरेली में 2011से 2017 तक कार्य किया।
8अ।लगभग 20 सामाजिक, साहित्यिक, व्हाट्सएप्प ग्रुप्स का एडमिन।
9।ऊ प्र बुक ऑफ रिकार्ड्स द्वारा 14 अक्टूबर,2017 को ट्रॉफी।मैडल ।प्रमाणपत्र प्रदत्त
10,,,, 03 feb 2019 को एक outside मेंटर के रूप में एक पृथक बैंक पेंशनर्स क्लब (बरेली में ),की आधारशिला रखने में सहयोग प्रदत।
11.जिला विज्ञान क्लब, बरेली के कार्यक्रमों में निरन्तर निर्णायक की भूमिका निभा रहे हैं और अभी जारी है।
11a....सेवा काल के मध्य 30 से अधिक राजभाषा प्रतियोगिताओं
में विजयी घोषित,,, प्रमाण पत्र,पुरुस्कार प्राप्त
12,विभिन्न स्कूलों कॉलेज में निम्नलिखित विषयों पर लेक्चर दिये हैं और जारी है।
(Topics of Lectures delivered)
How to prepare for competition and interviews
And corporate jobs
Situation analysis (case studies),
unsuccessful to successful,
despair to hope.
Personality development
And many more similar lectures
Stress, time management
Effective public relations, public speaking
Image building,self confidence etc.
13......वेस्ट used सामान से खूबसूरत हैंडीक्राफ्ट ,डेकोरेशन आइटम बनाना।
एस के कपूर "श्री हंस"
बरेली(ऊ प)
मो 9897071046
मोब 8218685464
कविता-1
कॅरोना से जीत कर ही आना है।
रहोगे घर के अंदर तो
कॅरोना बाहर ही होगा।
वह फंस जायेगा जो
लोगों से दो चार होगा।।
जो घर में रह गया तो
समझो वह बच गया।
कुछ दिन संभल जाओ
फिर मौसमे बहार होगा।।
कॅरोना से दूर दूर रहना ही
जीत का मन्त्र है।
सावधानी ही केवल बचाव
का एक यन्त्र है।।
घर में वजह बहुत हैं मन
को बहलाने के लिए।
नहीं समझे समय से तो
मानो मानवता का अंत है।।
खुद मत करो कोई भी इलाज
तरीका यह तो आत्मघाती है।
निर्देशों का उल्लंघन तो मानो
सीधा अपनी बर्बादी है।।
अकेले का नुकसान नहीं यह
चार को और है ले डूबता।
संभल कर चलने में ही तो
बसी जिन्दगी की आबादी है।।
125 करोड भारतीयों के
जीवन जान का सवाल है।
हमारी देश की अस्मिता और
इक पहचान का सवाल है।।
जीत कर आना ही है हमें
देश परंपरा मूल्यों की खातिर।
यह अब अपनी मातृभूमि की
आन,बान,शान का सवाल है।।
रचयिता।एस के कपूर "श्री हंस"
*बरेली।
मो 9897071046
8218685464
कविता-2
पृथ्वी दिवस।
रोक लो प्राकृतिक संसाधनों के दोहन को।
नदी ताल में कम हो रहा जल
और हम पानी यूँ ही बहा रहे हैं।
ग्लेशियर पिघल रहे और समुन्द्र
तल यूँ ही बढ़ते ही जा रहे हैं।।
काट कर सारे वन कंक्रीट के कई
जंगल बसा दिये विकास ने।
अनायस ही विनाश की ओर कदम
दुनिया के चले ही जा रहे हैं ।।
पॉलीथिन के ढेर पर बैठ कर हम
पॉलीथिन हटाओ का नारा दे रहे हैं।
प्रक्रति का शोषण कर के सुनामी
भूकंप का अभिशाप ले रहे हैं ।।
पर्यवरण प्रदूषित हो रहा है दिन रात
हमारी आधुनिक संस्कृति के कारण।
भूस्खलन,भीषणगर्मी,बाढ़,ओलावृष्टि
की नाव बदले में आज हम खे रहे हैं।।
ओज़ोन लेयर में छेद,कार्बन उत्सर्जन
अंधाधुंध दोहन का ही दुष्परिणाम है।
वृक्षों की कटाई बन गया आजकल
विकास प्रगति का दूसरा नाम है।।
हरियाली को समाप्त करने की बहुत
बडी कीमत चुका रही है ये दुनिया।
इसी कारण ऋतुचक्र,वर्षाचक्र का नित
असुंतलन आज हो गया आम है ।।
सोचें क्या दे कर जायेंगे हम अपनी
अगली पीढ़ी को विरासत में ।
शुद्ध जल और वायु को ही कैद कर
दिया है जीवन शैली की हिरासत में।।
जानता नहीं आदमी कि कुल्हाड़ी
पेड पर नहीं पाँव पर चल रही है।
प्रकृति नहीं सम्पूर्ण मानवता ही नष्ट
हो जायेगी इस दानव सी हिफाज़त में।।
रचयिता एस के कपूर श्री हंस
बरेली
वसुधैव कुटुम्बकम जैस
संसार की जरूरत है।।।
मुक्तक
तकरार की नहीं परस्पर
प्यार की जरूरत है।
हर बात पर मन भेद नहीं
इकरार की जरूरत है।।
मिट जाती हस्ती किसीऔर
को मिटाने वाले की।
वसुधैव कुटुम्बकम जैसे
संसार की जरूरत है।।
रचयिता।।।।एस के कपूर
श्री हंस।।।।।बरेली।।।।।।
मोब नॉ 9897071046।।
8218685464।।।।।।।।।।
क्रोध और अहंकार(हाइकु)
क्रोध अंधा है
अहम का धंधा है
बचो गंदा है
अहम क्रोध
कई हैं रिश्तेदार
न आत्मबोध
लम्हों की खता
मत क्रोध करना
सदियों सजा
ये भाई चारा
ये क्रोध है हत्यारा
प्रेम दुत्कारा
ये क्रोधी व्यक्ति
स्वास्थ्य सदा खराब
न बने हस्ती
क्रोध का धब्बा
बचके रहना है
ए मेरे अब्बा
ये अहंकार
जाते हैं यश धन
ओ एतबार
जब शराब
लत लगती यह
काम खराब
रचयिता।एस के कपूर
श्री हंस।बरेली
महिला दिवस
शीर्षक नारी, शक्ति भक्ति ममता का प्रतीक
मुक्तक माला
माँ का आशीर्वाद जैसे कोई
खजाना होता है।
मंजिल की जीत का जैसे
पैमाना होता है।।
माँ की गोद मानो कोई
वरदान है जैसे।
चरणों में उसके प्रभु का
ठिकाना होता है।।
अहसासों का अहसास मानो
बहुत खास है माँ।
दूर होकर भी लगता कि बस
आस पास है माँ।।
बहुत खुश नसीब होते हैं जो
पाते माँ का आशीर्वाद।
हारते को भी जीता दे वह
अटूट विश्वास है माँ
अच्छा व्यवहार बेटीयों से
निशानी अच्छे इंसान की।
इनसे घर की बढ़ती शोभा जैसे
उतरी परियाँ आसमान की।।
बेटी को भी दें आप बेटे जैसा
घर में प्यार और सम्मान।
जान लीजिए बेटियों के जरिये
ही आती रहमते भगवान की।।
एस के कपूर श्री हंस
बरेली।।
नववर्ष
फसल चक्र ऋतु परिवर्तन का
संकेत है हिन्दी नव वर्ष।
नव रात्री के जयकारों से होता
व्याप्त सब में भक्ति हर्ष।।
सूर्य चंद्रमा दिशा परिवर्तन और
जुड़ी कृषकों की ख़ुशहाली।
विक्रमादित्य भगवान झूले लाल
से भीजुड़ा ऐतिहासिक स्पर्श।।
हिन्दी नव वर्ष नव संवत्सर तो
नये मौसम का आगाज है।
देवी मां औरआर्यसमाज कृपा व
मिला संस्कारों का साज़ है।।
क्या जनवरी अंग्रेजी वर्ष में है
कोई भी ऐसा परिवर्तन।
नव संवत्सर तो ५७ वर्षों की
लिए अधिक आवाज़ है।।
जनवरी नव वर्ष के साथ मनाये
अवश्य हिंदी नव वर्ष भी।
बधाई दें सबको नव संवत्सर
की अवश्य और सहर्ष भी।।
अपने पुरातन मूल्यों का हो
अधिक से अधिक प्रसार।
कभी भूल नहीं पाये कोई इस
का महत्व और दर्श भी।।
हिंदी नव वर्ष की अनंत।असीम।अपार शुभकामनायों सहित।
मोब 9897071046
8218685464